चंडीगढ़। सीएमआईई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर है। हरियाणा के 33.6 प्रतिशत लोग आज बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं।
CMIE: Haryana overtakes UP-Bihar in unemployment, 33.6 percent unemployed
ये देश के बेरोजगारी औसत 11 प्रतिशत का 3 गुना है। चिंता बढ़ाने वाली बात है कि हरियाणा बेरोजगारी दर में यूपी-बिहार जैसे राज्यों से भी आगे निकल गया है।
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता जताई है।
दीपेंद्र हुड्डा ने अपने ट्वीट में इन आंकड़ों के जरिए हरियाणा में नई बहस को छेड़ दिया है।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा के 6 साल बर्बाद कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि 6 साल पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति आय, निवेश, रोजगार सृजन और बड़ी परियोजना की स्थापना जैसे विकास के तमाम पैमानों के हिसाब से हरियाणा पहले पायदान पर था, लेकिन बीजेपी सरकार ने नंबर वन हरियाणा के टैग को सिर के बल खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा को आज बेरोजगारी, अपराध, नशे और प्रदूषण के मामले में टॉप पर पहुंचा दिया है।
सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश में न कोई बड़ा निवेश हुआ और न ही कोई बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लगा। इसलिए रोजगार सृजन नहीं हो पाया। सरकारी महकमों में भी नाममात्र की भर्तियां की गई। जबकि हजारों वैकेंसी खाली पड़ी हुई हैं लेकिन सरकार भर्ती नहीं निकाल रही है। अपनी इसी विफलता को ढकने के लिए सरकार की तरफ से नए-नए जुमले गढ़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट नौकरियों में 75ः आरक्षण का दावा सिर्फ एक जुमला है। ये जुमला भी मौजूदा उद्योगों पर लागू नहीं होता। ये सिर्फ भविष्य में लगने वाले उद्योगों के लिए बनाया गया है। इसमें भी उद्योगों को आरक्षण से बचने का रास्ता दे दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पॉलिसी में कहा गया है कि अगर किसी उद्योग को हरियाणा से पारंगत श्रमिक न मिलें, तो वो बाहर वालों को नौकरी दे सकता है। इसीलिए इस पॉलिसी पर बहुत बड़ा संशय है कि सरकार की तरफ से छोड़ा गया ये जुमला लागू भी हो पाएगा या नहीं। अगर ये लागू भी होगा तो दूर भविष्य में ही पता चले पाएगा कि इससे हरियाणा के युवाओं को कोई फायदा होगा या नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे जुमले गढ़ने की बजाए निवेश और रोजगार सृजन पर जोर देना चहिए। लेकिन बीजेपी सरकार में नया निवेश होने के बजाय, यहां पहले से स्थापित उद्योग भी पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार नौकरियां देने की बजाए लोगों को नौकरी से हटाने में लगी है। यही वजह है कि साल दर साल हरियाणा बेरोजगारी के नए आयाम छू रहा है। ये बीजेपी का नया नम्बर वन हरियाणा है।